Thursday 9 June 2016

आप तो मां हैं.... 
मधु चोपड़ा जी के नाम खुला पत्र ,   
            आदरणीय मधु चोपड़ा जी ,  आप तो मां हैं , एक बहुत ही होनहार बेटी की मां... !!  आप तो मां का अर्थ भी बहुत अच्छे तरीके से समझती होंगी ,  फ़िर आपने ये क्या किया...?  एक मां होकर , दुसरे मां की इज्जत को तार तार कर दिया  !?   भोजपुरी हमारी मातृभाषा है... हमारी मां है ... और आपने अपने पैसे के ज़ोर पर , पहले से बदनामी का दाग ढ़ो रहे , भोजपुरी सिनेमा में और चार चांद लगाते हुए , आंचल से तार तार हुई भोजपुरी सिनेमा को  निवस्त्र करने तक को तैयार हो गईं... !?  वो भी किस लिए... बस पैसे कमाने के लिए...!?   अरे अब आपके पास पैसे की कौन सी कमी है... !?   फ़िर ऐसा अशोभनीय कदम क्युं... ??    जब हमने सुना , प्रियंका चोपड़ा जी भोजपुरी सिनेमा बना रही हैं , मन बहुत प्रसन्न हुआ ।  एक आस जगी  कि आपकी बेटी प्रियंका जी , देश – दुनिया देख रही हैं , घूम रही हैं , पूरे दुनिया के सिनेमा को समझ रही हैं , अब वो ज़रूर भोजपुरी सिनेमा में भी बदलाव करेंगी... लेकिन यहां तो सब उल्टा ही हो गया  , बदलाव तो छोडिये , आपने सिनेमा बनाने के लिए ऐसे लोगों को जमा किया , जो पहले से ही अपनी मां को बज़ार में खड़ा कर , निलामी की बोली लगाता आ रहा है  ।  वो लोग तो नीचता की सारी सीमायें पहले ही लांघ चुके हैं , लेकिन थोड़ा आपको भी सोचना चाहिए कि किसको अपने साथ जोड़ना चाहिए... किसको नहीं...  !!  ताकि आपका जो सामाजिक मान है वो बना रहे । ज़रा सोचिए , जिसको अपनी फ़िल्म के लिए एक नाम भी भोजपुरी में नहीं मिला है ... ( बम बम बोल रहा है काशी – हिन्दी  )  वो भोजपुरी सिनेमा के साथ क्या न्याय करेगा... !?   आपकी बेटी प्रियंका जी ,पद्म श्री से सम्मानित , पटना में जा कर पाप की भागिदार बनने वाली हैं... वो भी आपके साथ कंधा से कंधा मिला कर ।  भोजपुरी सिनेमा के अस्तित्व को मिटाने के लिए ,  हमारे मां सरीखी भोजपुरी भाषा के सिनेमा का  बाज़ार में बोली लगायेंगी  तो फ़िर  वह कभी देश – दुनिया में ये ढ़िंढ़ोरा मत पीटें कि वो मां की इज्जत करती हैं ,  बेटी को बराबर समझती हैं । आपको मालूम भी है कि ... आपके द्वारा निर्माण किये हुए फ़िल्म में कैसे कैसे गाने का चुनाव हुआ है... और उसका शाब्दिक अर्थ क्या है... ??  उसका अर्थ बताने के लिए कम्पुटर पर हमारी उंगलियां नहीं चल रही... लेकिन आपको बताना ज़रूरी है... और ये भी बताना ज़रूरी है कि आपलोग किस स्तर तक गिर के भोजपुरी सिनेमा के लिए काम किये हैं... !!   माफ़ी के साथ  -    गीत -   बोलेरो के चाभी से गोद देला नाभी.... मतलब – ब्लेरो जो एक कार (Jeep ) है .... उसकी चाभी यानी “ key” नाभी के चुभाने की बात कर रहा है ,     फ़िर -   कीर्तन करेला कमरिया  , खटिया से खटिया सटावे ,  इन सब का अर्थ आपको अच्छे से समझ आ रहा होगा !   और इसे फ़िल्माने के तरीके ने तो अश्लीलता की सारी सीमायें पार कर दी है ।   बताईए... इन जैसे सोच के लोगों के साथ काम कर रही हैं आप मां – बेटी  !?    हम आपकी और आपकी बेटी की सोच और समझ से स्तब्ध हैं ।   ज़रा सोचिये... जिसकी बेटी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना रही है... उनकी मां , भोजपुरी जैसी लोकप्रिय भाषा को , बस अपने मन की मंसा को पुरा करने के लिए , उसकी इज्जत उतार कर बाज़ार में बेच रही हैं और उसकी कीमत ज्यादा मिले... इसके लिए... अपनी विश्व विख्यात बेटी से प्रचार - प्रसार भी करवा रही हैं... !   
                                                मैं बहुत दुखी हैं...  आपकी इस करनी से , इसलिए आपको ये खुला पत्र लिख रहा हूं... ये जानते हुए भी कि इस पत्र से आपको कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा... आप बस अपने धुन में लगी रहेंगी  । लेकिन शायद जो भोजपुरी भाषा को अपनी मां समझता है... उसके मन को थोड़ी शांती मिलेगी  , वैसे हम अभी भी बेचैने हैं... और उसी बेचैनी के साथ ....  आपको सादर प्रणाम !! 

                                                                        अमित झा  
रऊआ तऽ माई हंई...
मधु चोपड़ा जी के नामे खुला पतरी :-    
            आदरणीय मधु चोपड़ा जी ,   रउआ तऽ माई हंई... !!   येतना होनहार बेटी के माई…. !!  रऊआ तऽ माई के अर्थ बहुत अच्छा से बुझत होखब ,   फ़ेर रऊआ ई का कईनी..?   एगो माई हो के ,  दोसर माई के इज्जत के तार तार कई देहनी  ।  भोजपुरी हमार माईभाखा हीय , हमनी के माई हीय , आ  रऊआ अपना पईसा के ज़ोर पर  ,  पहिले से बदनामी के दाग ढो रहल ,  भोजपुरी सनिमा में अऊर चार चांद लगावत ,  अंचरा से तार तार भईल भोजपुरी सनिमा के ,  निवस्त्र करे तक के तईयार हो गईनी ..!?   उहो काहे ला  !?   बस पईसा कमाये खातिर.. !?    अरे अब रऊआ लगे पईसा के कवन कमी... !?   जब हमनी सुननी , प्रियंका चोपड़ा जी भोजपुरी सनिमा बनइहें  ,  मन बड़ा प्रसन्न भईल ,  एगो आस जागल कि राउर बेटी प्रियंका जी...  दिन-दुनिया देखऽ तारी... घुमऽ तारी , पूरा दुनिया के सनिमा  समझऽ तारी ,  उ भोजपुरी सनिमा में बदलाव करीहें  बाकि इहां तऽ सब उलिट-पलिट हो गईल... बदलाव तऽ छोड़ीं , रऊआ सनिमा बनावे ला अईसन लोग जमा कईनी... जे पहिले से आपन माई के बाजार में खड़ा कई के बोलि लगा रहल बाऽ...  ओकनी तऽ नीचता के सारा सीमा लांघीये चुकल बाडन सं... बाकि तनी रऊओ सोचे के चाहीं.... ! आखिर केकरा के जोड़नी रऊआ अपना संगे...!?  अरे...  जेकरा भोजपुरी में येगो नाम तक ले ना जुराईल.... ( बम बम बोल रहा है काशी – हिन्दी )   उ भोजपुरी सनिमा संगे का न्याय करी... ??  राउर बेटी , प्रियंका जी ... पद्म श्री से स्मानित ,  पटना में जा के पाप के भागिदार बनिहें....  उहो रऊआ संगे कंधा से कंधा मिला के , भोजपुरी सनिमा में अस्तित्व मिटावे ला... हमरा माई सरीखा भोजपुरी भाखा के सनिमा के बाजार में बोली लगईहें... तऽ फ़ेर राउर बेटी दिन दुनिया में इ ढ़िंढ़ोरा मत पिटीहें कि... हम माई के इज्जत करेनी... हम बेटी के बराबर समझेनी.... !! रउआ लोगिन के मालूम बा...  रउअर बनावल सनिमा में रउआ गाना कईसन चुनले बानी...!? रउआ शायद ओकर शाब्दिक अर्थ ना मालूम होई...  जेकर अर्थ कहे में हमार अंगुरी कंप्युटर पर नईखे चलत... बाकि रऊआ के बतावल ज़रूरी बा...  कि रऊआ कौना स्तर तक नीचे गीर के इ काम कईले बानी... !!   गीत -   बोलेरो के चाभी से गोद देला नाभी.... मतलब – ब्लेरो जो एक कार (Jeep ) है .... उसकी चाभी यानी “ key” नाभी के चुभाने की बात कर रहा है”   फ़ेर -   कीर्तन करेला कमरिया.... , खटिया से खटिया सटावे...  !!  अईसन सोच के लोग के संगे काम करऽ तानी रऊआ.... ।   हमरा रऊआ आ राऊर बेटी के सोच पर बलिहारी बाऽ...  !!   सोचीं....  जेकर बेटी दुनिया में अपन पहचान बना रहल बा... ओकर माई.... भोजपुरी जईसन लोकप्रिय भाखा के .... बस आपन मन के मंसा पुरावे ला.... ओकर इज्जत उतार के बाजार में बेच रहल बा आ बेसी दाम मिले... ये खातिर... विश्व विख्यात बेटी से प्रचार – प्रसार करवा रहल बाऽ... !!  
                                                हम बहुत दुखी बानी... राउर इ करनी से ,  येही खातिर... रऊआ के  इ खुला पतरी लिख रहल बानी... !!  हम इ जानऽ तानी ... इ पतरी से रउआ कवनो फ़रक ना पड़ी... ! रऊआ बस आपन धुन में लागल बानी... ! बाकि शायद जे भोजपुरी भाखा के आपन माई बुझेला ... ओकरा मन के शांति मिली... ! वईसे हमर मन अभीयो बेचैने बा.... ! उहे बेचैनी के साथ...  रऊआ के सादर प्रणाम... !!

                                                अमित झा