Sunday 2 June 2013

मैं माओवादी हूं... ए.के. फ़ोर्टी सेवेन रखता हूं...

मैं माओवादी हूं... ए.के. फ़ोर्टी सेवेन रखता हूं...

रहने को घर नहीं... सोने को बिस्तर नहीं...
खाने को अनाज़ नहीं... मैं जंगल दर जंगल भटकता हूं...
मैं माओवादी हूं... ए.के. फ़ोर्टी सेवेन रखता हूं...

     शांती दूत हूं मैं...  मिट्टी का सपूत हूं मैं ...
     गरीबो का मसीहा हूं... उनके हक के लिए लड़ता हूं...
     मैं माओवादी हूं... ए.के. फ़ोर्टी सेवेन रखता हूं...

कोई भूमि मेरा छुये मंजूर नहीं... अब दिल्ली दूर नहीं...
हर तरक्की रोक दूंगा,बोलोगे तो ठोक दूंगा.. बस अपनी बात ही सुनता हूं.. 
मैं माओवादी हूं... ए.के. फ़ोर्टी सेवेन रखता हूं...

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